प्रेम से बोलें राधे-राधे हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !! |
!!मधुराष्टकं!!
अधरं मधुरं वदनं मधुरं - नयनं मधुरं हसितं मधुरम्!
हदयं मधुरं गमनं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं - वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर:- पाणिर्मधुर: पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं - भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रुपं मधुरं तिलकं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं - हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
हदयं मधुरं गमनं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं - वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर:- पाणिर्मधुर: पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं - भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रुपं मधुरं तिलकं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं - हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गुन्जा मधुरा माला मधुरा - यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गोपी मधुरा लीला मधुरा - युक्तं मधुरं भुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गोपा मधुरा गावो मधुरा - यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्यकृतं मधुराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
गुन्जा मधुरा माला मधुरा - यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गोपी मधुरा लीला मधुरा - युक्तं मधुरं भुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गोपा मधुरा गावो मधुरा - यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्यकृतं मधुराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
मित्रो ऐसे मधुरबिहारी लाल के लिए क्यों न यहाँ पर कुछ लिखकर अपने प्रेमहार मधुरं-मधुरं के चरणों में निवेदित करें
राधे-राधे
वैष्णवाचार्य वंदन करूँ सुमिर भक्ति-भगवंत ! श्री शंकर की व्यंजना पूर्ण बतायो पंथ !!
भज गोविन्दम पथ सुझा श्री शंकर दियो बताय ! श्री रामानुज प्रगट कें भक्ति मार्ग दर्शाय !!
आगें बढ़ प्रगट कियो युगल रूप श्री धाम ! चक्र सुदर्शन अवतरे श्री निम्बार्क कह्यो निज नाम !!
भक्ति-भक्त-भगवंत गुरु पुष्टि पंथ के गीत ! श्री बल्लभ ने आयके श्री नाथ दियो संगीत !!
कीर्तन कर गोविन्द को श्री गौर प्रीत की रीत ! वैष्णव जन समझा दिए श्रीश्याम हमारे मीत !!
वृन्दावन रस व्यंजना हित धरयो मुरली अवतार ! लक्षण केलि कुञ्ज के सखि ललिता श्री हरिदास !!
रामानंद बरषा करी प्रगटे तुलसीदास ! मीरा प्रियतम टेर में गिरधर कियो निवास !!
सूरदास गाये सदा नन्दलाल के गीत ! अष्टछाप मिल कें रच्यो श्री विठठल प्रिय संगीत !!
तुकाराम अरु नामदेव की प्रीत हेतु घनश्याम ! वृन्दावन प्रगट कियो श्री पंढरपुर धाम !!
ऊधौ से ज्ञानी भगत वृन्दाविपिन की कुञ्ज ! गावैं ब्रजरज सुधा के नित नए निराले रंग !!
"स्वीटी" संतन्ह संग ते कछु समझ सकी है जोय ! श्रीजी सेवा समझ के लिखे जो भी बने संयोग !!
"स्वीट-राधिका" की सदा यही लगी मनुहार ! "राधे-राधे" गीत से भर जाएँ सभी के द्वार !!
न कछु हेर न फेर है श्री प्रिया शरण की आश ! मनमोहन की माधुरी "स्वीटी" हिय की प्यास !!
श्रीजी चरण "स्वीटी" मन बसे पियलाल सेवें जेय ! रसिकन सुधा निर्झरित जहँ मुदित मन ह्वै गेय !!
श्रीराधे-राधे-श्याम जय-जय श्री वृन्दावन धाम !!
तप्त कांचन गौरांगी श्री राधा वृन्दावनेश्वरी ब्रषभानु सुते देवि प्रनमामि हरिं प्रिये!! स्वीट राधिका-राधे-राधे |
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तप्त कांचन गौरांगी श्री राधा वृन्दावनेश्वरी ब्रषभानु सुते देवि प्रनमामि हरिं प्रिये!! स्वीट राधिका-राधे-राधे |
तप्त कांचन गौरांगी श्री राधा वृन्दावनेश्वरी ब्रषभानु सुते देवि प्रनमामि हरिं प्रिये!! स्वीट राधिका-राधे-राधे |
*गोविन्द दामोदर स्तोत्रं -राधे-राधे श्याम सुन्दर*
वटस्य पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव।
जिव्हे पिबस्वा मृतमेव देव, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
विक्रेतुकामाखिल गोपकन्या, मुरारि पादार्पित चित्तवृतिः।
दध्यादिकं मोहावशादवोचद्, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
गृहे-गृहे गोपवधू कदम्बा:, सर्वे मिलित्वा समवाप्ययोगम्।
पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुखं शयाना निलये निजेऽपि, नामानि विष्णोः प्रवदन्तिमर्त्याः।
ते निश्चितं तन्मयतमां व्रजन्ति, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
जिह्वे दैवं भज सुन्दराणि, नामानि कृष्णस्य मनोहराणि।
समस्त भक्तार्ति विनाशनानि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुखावसाने इदमेव सारं, दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्।
देहावसाने इदमेव जाप्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
जिह्वे रसज्ञे मधुरप्रिया त्वं, सत्यं हितं त्वां परमं वदामि।
आवर्णये त्वं मधुराक्षराणि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
त्वामेव याचे मन देहि जिह्वे, समागते दण्डधरे कृतान्ते।
वक्तव्यमेवं मधुरम सुभक्तया, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
श्री कृष्ण राधावर गोकुलेश, गोपाल गोवर्धन नाथ विष्णो।
जिह्वे पिबस्वा मृतमेवदेवं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
*स्वीट राधिका राधे-राधे - स्वीट राधिका राधे-राधे*
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
ReplyDeleteवन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
प्रेमवालों ने कब वक्त पूछा
तेरे द्वारे पे आने को प्यारे !
यहाँ पल-पल पे होती है पूजा
सर झुकाने की फुर्सत नहीं है !1
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
वन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
जिसके दिल में बसे श्याम प्यारे
वोह तो होते हैं जग से न्यारे !
जिसकी नज़रों में प्रीतम बसे हैं
वो नज़र फिर तरसती नहीं है !!
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
वन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
जो असल में हैं मस्ती में डूबे
उनको परवाह नहीं है किसी की !
जो उतरती और चढ़ती है मस्ती
वोह हकीकत में मस्ती नहीं है !!
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
वन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
राधे-राधे
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
ReplyDeleteश्याम देखा - घनश्याम देखा !
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा मैं देखा !
बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने गोकुल मैं देखा !
गैया चराते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने वृन्दावन मैं देखा !
रास रचाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने गोवेर्धन मैं देखा !
गोवेर्धन उठाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने सर्वजन मैं देखा !
राधा राधा जपते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
श्याम देखा - घनश्याम देखा !
ओ बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !
ReplyDeleteमन मंदिर की ज्योत जगा दे , घट घट के वासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी !
युग बीते ना आई मिलन की पूर्णमासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर मैं गूंगा बोले !
अंधा देखे लंगडा चलकर पहुंचे कासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
कृष्णप्रेममयी राधा राधाप्रेममयो हरि:!
ReplyDeleteजीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is full of love for Krishna, and Hari (Krishna) is full of love for Radha. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णस्य द्रविणं राधा राधाया: द्रविणं हरि !
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
The essence of Krishna is Radha, and the essence of Radha is Krishna. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णप्राणमयी राधा राधा प्राणमयो हरि !
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is the life of Krishna, and Krishna is the life of Radha. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णद्रवामयी राधा राधा द्रवोमयो हरि: !
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is the sport of Krishna, and Krishna is the sport of Radha. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णगेहे स्थिता राधा राधागेहे स्थितो हरि :!
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is situated in the home of Krishna and krishna is situated in the home of radha . in the wealth like life may radha and kishna be the course of my soul
jay-jay shri radhe-shyam
harekrishna!!!
ReplyDeleteअधरं मधुरं वदनं मधुरं - नयनं मधुरं हसितं मधुरम्!
हदयं मधुरं गमनं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
रघुनन्दन कृपा करी मिले रामचरित के गान ! प्रेम बढ्यो-श्रद्धा बढ़ी बनी श्रीजी सों पहिचान !!
ReplyDeleteगावत रहूँ तुलसी सुधा सूरदास के बोल ! मीरा जी की भावना गिरधर-गिरधर तोल !!
नाम स्मरण चैतन्य से सीखो कीर्तन रंग ! स्वामी श्री हरिदास को नित्य बिहार प्रसंग !!
श्री हित हरिवंश की रीत में प्रीत प्रगट भई आय ! राधावल्लभ लाडिले मेरो मन तोकूँ ही ध्याय !!
वृन्दावन में वास कर श्रीजी पदानुराग ! रसिकन संग वर्णन करूँ प्रियतम प्रीति भाग !!
"स्वीटी राधिका"प्रमुदित सदा भक्ति-भक्त संयोग ! भगवंतहु सम्मुख सदा श्रीजी कृपा के योग !!
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,
ReplyDeleteलोग करे मीरा को यूँही ही बदनाम,
सावरे की बंसी को बजने से काम
राधा का भी श्याम, वोह तो मीरा का भी श्याम,
ऊऊ जमुना की लहरे बंसी-बट की छैंया,
किसका नहीं है, कहो कृष्ण-कनैया
श्याम का दीवाना तो सारा ब्रिज्धाम
राधा का भी श्याम ................
ऊऊओ कौन जाने बासुरिया, किसको बुलाये
जिसके मन भाये उसीके गुण गाये,
कौन नहीं, कौन नहीं, बंसी की धुन का गुलाम,
राधा का भी श्याम .......................
*गोविन्द^दामोदर@स्तोत्रं*
ReplyDelete-राधे-राधे-श्याम@सुन्दर-
करारविन्देन पदार्विन्दं, मुखार्विन्दे विनिवेशयन्तम्।
वटस्य पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव।
जिव्हे पिबस्वा मृतमेव देव, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
विक्रेतुकामाखिल गोपकन्या, मुरारि पादार्पित चित्तवृतिः।
दध्यादिकं मोहावशादवोचद्, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
गृहे-गृहे गोपवधू कदम्बा:, सर्वे मिलित्वा समवाप्ययोगम्।
पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुखं शयाना निलये निजेऽपि, नामानि विष्णोः प्रवदन्तिमर्त्याः।
ते निश्चितं तन्मयतमां व्रजन्ति, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
जिह्वे दैवं भज सुन्दराणि, नामानि कृष्णस्य मनोहराणि।
समस्त भक्तार्ति विनाशनानि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुखावसाने इदमेव सारं, दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्।
देहावसाने इदमेव जाप्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
जिह्वे रसज्ञे मधुरप्रिया त्वं, सत्यं हितं त्वां परमं वदामि।
आवर्णये त्वं मधुराक्षराणि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
त्वामेव याचे मन देहि जिह्वे, समागते दण्डधरे कृतान्ते।
वक्तव्यमेवं मधुरम सुभक्तया, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
श्री कृष्ण राधावर गोकुलेश, गोपाल गोवर्धन नाथ विष्णो।
जिह्वे पिबस्वा मृतमेवदेवं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
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*स्वीट^राधिका-राधे-राधे*
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shri radhey meri swamini men radhe ju ki daas
ReplyDeletejanam-janam mohi dijiyo priya shri vrindavan vaas
sab dwaran kun chhod ke main aayi tere dwaar
aho brashabhanu ki ladili nenku meri or nihaar
shri radhey meri swamini jivan dhan adhaar
rasik sudha ras raj prabhu mahima amit apaar
kunj bihari ladile shri shyama-shyam sarakar
tere dwaar "sweetie" khadi tuk mere hit hu vichaar
aho kripa mayi ladili nand ke lal gopaal
"sweetie" jivan hit karen nit keli kunj bihaar
shri radha vallabh ladile rasikan meet sujaan
meri bhav badha harau main lakhun prem muskaan
shri kirati suta shri swamini prem liyo avataar
shri vrindavan ki vatika priya priyatam karen vihaar
shri radhey-radhey ras sudha mere jivan geet
murali manohar lal ki kahe shri radhey-radhey geet
shyam sunadar ki muralika gavai radha naam
"sweetie" sang sangit mili shri radhey-shyam ke naam
hamaro dhan radha shriradha-shriradha
jivan dhan radha-radha-radha-radha
param dhan radha shriradha-shriradha
pran dhan radha shriradha-shriradha
hamaro dhan radha shriradha-shriradha
hamaro dhan radha-radha-radha-radha-radha
hamaro dhan radha shriradha-shriradha
*jay-jay shri radhey shyam*