kijai kripa ki kor swamini shri radhey

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sweetie radhika

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Tuesday, January 18, 2011

श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं

* जय श्री राधे *
जय-जय श्री राधे-श्याम

जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं -
श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं
श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं

 "स्वीटी राधिका राधे-राधे"
-श्री वृन्दावन धाम-
जय-जय श्री राधे-श्याम

मित्रो,
यह पोस्ट आप उन सब के लिए है जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं - श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं -श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं -
यदि आपका ह्रदय श्याम सुन्दर के लिए धड़कता है - आपका मन मुरली मनोहर की मृदुल चितचोर मन भावन मुस्कान के लिए मचलता है - आपका कंठ और आपकी रसना नित-प्रति श्रीराधे - श्रीराधे टेर में रत हैं - आपके श्रवण हरि कथा सुनने को व्यग्र हैं - आपके नयन श्री राधावल्लभ-कुञ्ज बिहारी लाल के दर्शन को आतुर हैं - आप को श्रीजी कृपा संग लाभ की लालसा है - श्री वृन्दावन वास आपकी परम आकांक्षा है - बृजवासी-भक्त संग हेतु जिनकी मति-बुद्धि अधीर है - 
आप श्री कृष्ण भक्ति प्रचारार्थ रास-बिहारी-मन मोहन यसुमती नंदन माखन चोर कुञ्ज बिहारी भगवान श्री राधा रमण श्री राधिका वल्लभ कृष्ण कन्हैया नीलमणि के प्रति अपने भाव-उद्गार-अनुभव-प्रसंग यहाँ लिख कर श्री गिरधर गोपाल श्री बाँके बिहारी जी की कृपा - स्नेह प्राप्त करें , निश्चय ही हमारी स्वामिनी श्री राधे आपके इस महान सुकृत्य पर प्रसन्न हो "श्री श्याम रस" आशीष में प्रदत्त करेंगी !  मुरली मनोहर सांवरिया जी सहज भाव में आपके ह्रदय में श्री वृन्दावन रस धारा का स्फुरण कराएँगे ! मित्रो श्याम सुन्दर के कीर्तन कलि काल में सर्व श्रेष्ठ भगवद आराधना है और आप भली भाँति समझते हैं कि कलि के आधुनिक संपर्क-यन्त्र-संसाधन इंटरनेट पर हम सब यह 
श्री राधे-श्याम संकीर्तन ही तो कर रहे हैं -
अतः मित्रो अबिलम्ब मेरे आमंत्रण को स्वीकार कर इस श्याम धुन-
श्रीराधा नाम संकीर्तन मंडल में सम्मिलित होकर प्रेम से श्रीराधे-राधे गायें---
जय-जय श्री राधे-श्याम

जय-जय श्री राधे-श्याम 

6 comments:

  1. सब मित्र-भक्तन कूँ श्री श्यामा-श्याम झूलनोत्सव की बधाई-दर्शन लाभ मिले !
    हमारी प्यारी लाडिली श्री राधा जी के चरण-कमलन की कृपा ते आप-सब के मनोरथ
    श्री श्याम सुन्दर पूर्ण करें
    -जय श्री ब्रज वसुंधरा -जय-जय श्री वृन्दावन धाम !
    जय-जय श्री राधेश्याम !!

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  2. जय श्री राधेश्याम !
    धन्यवाद !
    श्रीजी की कृपा ही ऐसी है कि श्री धाम में डाल-डाल अरु पात पे श्री राधे-राधे होय .. कान्हा के मधुर मुरली धुनि संगीत में ब्रजमंडल श्रीराधे-श्रीराधे पुकार उठा है !
    इस श्री राधे रूपी अमृत बर्षा से सभी भक्त-जन तृप्त हो कर श्रीराधे-श्रीराधे-श्याम कह धन्य हो चले हैं !!

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  3. प्रशंसा तो श्रीजी के चरणारविन्दों की है जहाँ बैठ्यो मिले मेरो कुंवर कन्हाई !! जय-जय श्री राधेकृष्ण !!

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  4. मोह निशा जग सोवन हारा ! देखहिं स्वप्न अनेक प्रकारा !!
    उमा कहहुं मैं अनुभव अपना ! सत हरि भजन जगत सब सपना !!
    सोई मम इष्ट देव रघुवीरा ! सेवत जाहि सदा मुनि धीरा !!
    जय-जय सीताराम जी

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  5. जय-जय सीताराम जी
    नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव
    जय श्री गिरिराज धरण-राधे-राधे
    जय श्री राधेश्याम !

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  6. हिंडोरे माई झूलत गिरवरधारी।
    लाल सी पगिया शीश विराजत, लागत है छवि न्यारी॥
    वाम भाग में सोहत हैं राधे, शोभा बनी अति प्यारी॥
    झोटा देत सखी ललितादिक, पवन बहत सुखकारी॥
    बाजत ताल मृदंग बाजने, गावत सब मिल कारी॥
    कुंभनदास प्रभु की छवि ऊपर, सर्वस दौलत बारी॥
    JAY SHRI JHULANOTSAV - SHRI HARIYALI TEEJ _SHRI BANKE BIHARIJI VRINDAVAN !!

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